RBI ने लोगों और बैंकों को दी बड़ी राहत, रिवर्स रेपो रेट में की कटौती, जानें नई रेपो रेट

कोरोना वायरस के कारम हमारे देश की अर्थव्यस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिसके बाद आज भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा की है और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने शक्तिकांता दास ने नई रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) की घोषणा की और रिवर्स रेपो रेट में कटौती कर दी है. भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास (Reserve Bank of India Governor Shaktikanta Das) ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में .25 की कटौती की है।

जानें कितनी हुई रिवर्स रेपो रेट (Current Reverse Repo Rate)

.25 की कटौती करने के साथ ही नई रिवर्स रेपो रेट 3.75% हो गया है, जो कि पहले 4% थी। हालांकि कई ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर रिवर्स रेपो रेट क्या होती है (Reverse Repo Rate in hindi) और रेपो रेट कम करने का क्या मतलब है

रिवर्स रेपो रेट क्या है (Reverse Repo Rate in hindi)

देश के सभी बैंक को जब भी पैसों की जरूरत पड़ती है तो बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से पैसे कर्जे में लते हैं। पैसे कर्जे में देेने की जगह भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों से ब्याज लेता है। बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को दिया जाने वाला ये ब्याज रेपो रेट होता है। यानी सरल शब्दों में अगर ये समझा जाए की रेपो रेट क्या है (Reverse Repo Rate), तो मतलब है कि बैंकों से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर

अब आप ये सोच रहें होंगे की रेपो रेट को कम करने से या बढ़ाने से क्या फर्क हम लोगों पर पड़ता है। दरअसल जब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट को बढ़ाया जाता है। तो बैंकों को ब्याज अधिक देना पड़ता है। इसी तरह से रेपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंकों को कम ब्याज भारतीय रिजर्व बैंक को देना होता है।

भारतीय रिजर्व बैंक की और से रेपो रेट बढ़ाने पर बैंक कर्ज देने की ब्याज दर बढ़ा देते हैं। जिससे की अगर हम कर्ज लेते हैं तो हमें ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। उसी तरह से रेपो रेट के कम होने पर बैंक कर्ज देने की ब्याज दर को कम कर देते हैं और ऐसे होने पर हमें कम ब्याज दर में लोन मिल जाता है।

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यानी भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने और घटाने का सीधा असर हम पर पड़ता है। अगर भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक भी लोन की ब्याज दर बढ़ा देते हैं वहीं अगर भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट कम करता है तो बैंक भी कम ब्याज दर में लोन देते हैं।

कोरोना के वजह से कई सारे व्यापार थम गए हैं और ऐसे में व्यापारियों को कम ब्याज में लोन मिल सके इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4% से घटा करे 3.75 % कर दिया है।

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