कांग्रेस पार्टी को आज एक तगड़ा झटका लगा है और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ये पार्टी छोड़ दी है। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख अपने इस्तीफा सौंप दिया है। इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। जिसके बाद से ये उम्मीद जताई जा रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही बीजेपी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश में गिरी कांग्रेस की सरकार
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के अलावा मध्य प्रदेश के कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया है और ये विधायक बीजेपी पार्टी में शामिल हो गए है। जिसके साथ ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल छा रहे हैं। आज मध्य प्रदेश के पूर्ण मुख्य मंत्री शिवराज चौहान ने मीडिया से बात की और उस दौरान उनके साथ कांग्रेस पार्टी के वो विधायक भी मौजूद थे जिन्होंने इस पार्टी से इस्तीफा दिया है।
इस वजह से दिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा
ज्योतिरादित्य सिंधिया साल 2002 से कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे और मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव को जितवाने के पीछे इन्होंने खूब मेहनत की थी। लेकिन जब इस राज्य का मुख्य मंत्री चुनने की बारी आई तो कांग्रेस पार्टी ने कमलनाथ को इस राज्य का मुख्य मंत्री चुना था। जिससे की ज्योतिरादित्य सिंधिया खुश नहीं थे। हालांकि उस समय किसी तरह से कांग्रेस पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मना लिया था।
ये भी पढ़ें- ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीवनी (Jyotiraditya Scindia Biography in hindi)
लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश की सीट से राज्यसभा भेजने के लिए जब सदस्य का चुनाव किया गया तो उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम नहीं था। राज्यसभा ना भेजे जाने से ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी खफा हो गए थे और इसी वजब से इन्होंने अपनी पार्टी को छोड़ दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा 19 विधायकों ने भी इस पार्टी को छोड़ दिया है।
भेजा जा सकता है राज्य सभा
ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर बीजेपी पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है या कोई मंत्रालय सौंपा जा सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की वजह से एक बार फिर से बीजेपी पार्टी को मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। इसलिए बीजेपी पार्टी हर हालात में ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने साथ जोड़कर रखना चाहती हैं और उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद देने को भी तैयार है।
कमलनाथ से चल रही थी अनबन
ज्योतिरादित्य सिंधिया की लंबे समय से मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ के साथ अनबन चल रही थी और इसी अनबन के कारण इन्होंने ये कदम उठाया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस कदम के साथ ही अब मध्य प्रदेश में कमल नाथ की सरकार गिरने वाली है।
राहुल और प्रियंका गांधी के थे करीबी
ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बेहद ही करीबी थे और इनके अच्छे दोस्त माने जाते हैं। लेकिन अब इन्होंने इस पार्टी को छोड़ दिया है और जिसके साथ ही इनकी दोस्ती में भी दरारा आ गई है।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली थी हार
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साल 2019 में गुना सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन इनको इस सीट से हार का सामना करना पड़ा और इनकी लोकसभा की सदस्य भी खत्म हो गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना प्रथम चुनाव इसी सीट से लड़ा था और ये पहला मौका था जब इन्हें इस सीट से हार मिली थी।