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रक्षा बंधन 2020: रक्षा बंधन पर्व एक विशेष त्योहार है जो कि हर वर्ष हिंदू कैलेंडर के श्रावण महीने के अंतिम दिन आता है। आमतौर पर ये महीन अगस्त में पड़ता है। रक्षा बंधन हिंदूस्तान के अलावा अन्य देशों में भी मानाया जाता है। रक्षा बंधन 2020 में कब है, इसका महत्व, मुहूर्त, इसे क्यों मनाया जाता और रक्षा बंधन से जुड़ी इत्यादि तरह की जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं।
रक्षा बंधन का अर्थ क्या होता है
“रक्षा बंधन” एक संस्कृत, शब्द है। जिसका अर्थ “संरक्षण, दायित्व, या देखभाल के बंधन” होता है। इस पर्व के दौरान हर भाई अपनी बहन को उसके संरक्षण, दायित्व, या देखभाल करने का वादा करता है। इस वजह से इसे पर्व को रक्षा बंधन कहा जाता है।
रक्षा बंधन का महत्व
हिंदुस्तान में हर साल कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और इन्हीं पर्वों में से रक्षा बंधन एक है। ये पर्व प्यार का पर्व माना जाता है जो भाई और बहन के रिश्ते को और मजबूत करता है। दुनिया में भाई और बहन के रिश्ते से जुड़ा ये इकलौता पर्व है। इस पर्व को खुशी के संग मनाया जाता है। एक माना जाता है कि अगर बहन सच्चे मन से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो उसके भाई की हर क्षेत्र में विजय ही होती है। इसी तरह से रक्षा बाधते समय भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वादा करता है। रक्षा बंधन का महत्व इसे एक विशेष पर्व का दर्जा देता है। इसलिए आप भी इस पर्व को जरूर मनाए। इस पर्व से आपके और आपके भाई के बीच का रिश्ता और मजबूत हो जाएगा।
रक्षा बंधन पर निबंध 200 शब्द
भारत को पर्वों का देश का दर्ज दिया जाता है। सदियों से भारत में कई पर्व मनाए जाते हैं। जिनमें से एक है। ये पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। रक्षा बंधन के दिन हर बहन अच्छे से तैयार होकर अपने भाई की रक्षा सूत्र बांधती है। पर्व वाले दिन सुबह स्नान करने के बाद बिना कुछ खाना ग्रहण किए बहन पूजा की थाली सबसे पहले तैयार करती है। थाली को तैयाप करते समय उसमें कुमकुम, चावल, हल्दी, राखी, मीठाई, रुमाल और ज्योत रखी जाती है। बहन सबसे पहले अपने भाई के सिर को रुमाल की मदद से ढकती है। उसके बाद ज्योत को जला देती है। ज्योत जलाने के बाद भाई को तिलक लगाया जाता है और उसकी कलाई में राखी को बांधा जाता है। राखी को बंधने के भाई का मुंह मीठा करवाया जाता है। इसके बाद भाई थाली में कुछ शगुन रखता है और बहन का मुंह मीठा करवाता है। साथ में ही बहन को ये वादा करता है कि जीवन के हर मोड़ में वो अपनी बहन की रक्षा करेगा। वहीं अगर बहन उससे बड़ी होती तो भाई उसके पैरों को छूता भी है और आशीर्वाद लेता है।
क्यों माना जाता है रक्षा बंधन
काफी लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि आखिर किस वजह से रक्षा बंधन पर्व को मनाया जाता है। दरअसल पुराणों में इस पर्व का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि एक बार आसुरों और देवताओं के बीच युद्ध छिड़ गया था, जो कि 12 साल तक चला था। इस युद्ध में असुरों काफी ताकतवर थे। जिससे की देवताओं की हार लगभग तय मानी जा रही थी। लंबा युद्ध चलने के बाद असुरों ने इंद्र देव को हरा उनके तीनो लोक अपने नाम कर लिए। हार मिलने के बाद इंद्र देव ने वापस से अपना राज्य पाने की ठान। इंद्र देव ने तब ग्रह बृहस्पति से मदद मांगी। ग्रह बृहस्पति ने इंद्र देव को एक रक्षा विधान करने की सलाह दी। जिसके बाद इंद्र देव ने श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा विधान को शुरू कर दिया और इस दौरान मंत्रोच्चारण से एक रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। इस पोटली को इंद्र देव की पत्नी ने उनके हाथ में बांध दिया। जिसके बाद इंद्र देव ने फिर से युद्ध किया और अपने सम्राज्य को वापस पा लिया। तभी इस पर्व की प्रथा शुरू हो गई। हर वर्ष श्रावण मास को इस पर्व को मनाया जाने लगा।
रक्षा बंधन 2019 तिथि
रक्षा बंधन 2019 15 अगस्त के दिन था। वहीं अब ये पर्व कब आ रहा है इसकी जानकारी इस तरह से है।
रक्षा बंधन 2020 तिथि और मुहूर्त 2020 की जानकारी –
रक्षा बंधन 2020 | 3 अगस्त |
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय | 09:28 से 21:14 |
अपराह्न मुहूर्त | 13:46 से 16:26 |
प्रदोष काल मुहूर्त | 19:06 से 21:14 |
पूर्णिमा तिथि आरंभ | 21:28 (2 अगस्त) |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 21:27 (3 अगस्त) |
रक्षा बंधन 2021 तिथि और मुहूर्त की जानकारी –
रक्षा बंधन 2021 | 22 अगस्त |
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय | 06:15 से 17:31 |
अपराह्न मुहूर्त | 13:40 से 16:15 |
पूर्णिमा तिथि आरंभ | 18:59 (21 अगस्त) |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 17:31 (22 अगस्त) |
रक्षा बंधन 2022 तिथि और मुहूर्त 2022 की जानकारी –
रक्षा बंधन 2022 | 11 अगस्त |
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय | 20:51 से 21:10 |
भद्रा समाप्त | 20:51 |
पूर्णिमा तिथि आरंभ | 10:37 (11 अगस्त) |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 07:04 (12 अगस्त) |
रक्षा बंधन 2023 तिथि और मुहूर्त 2023 की जानकारी –
रक्षा बंधन 2023 | 30 अगस्त |
प्रदोष काल रक्षाबंधन मुहूर्त | 21:01 |
भद्रा समाप्त | 21:01 |
पूर्णिमा तिथि आरंभ | 10:58 (30 अगस्त) |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 07:04 (31 अगस्त) |
रक्षाबंधन पर शायरी (Raksha Bandhan Ki Shayari)
दुनिया के सबसे प्यार बंधन में से एक है हमारा बंधन
जो तोड़े से भी ना टूटे, बल्कि और मजबूत हो
हैप्पी रक्षा बंधन
रक्षाबंधन पर शायरी (Raksha Bandhan Ki Shayari)
(2) मेरी बहन का घर रहे सदा खुद
ना हो उसको किसी भी तरह दुख
हैप्पी रक्षा बंधन
रक्षाबंधन पर शायरी (Raksha Bandhan Ki Shayari)
(3) बहन ने बांधा है भाई की कलाई में प्यार
तेरा रहे हमेशा साथ है।
हैप्पी रक्षा बंधन
रक्षाबंधन पर शायरी (Raksha Bandhan Ki Shayari)
(4) बहन का प्यार ना हो कम
हर मुश्किल हो तेरी खत्म
दुनिया की सबसे प्यारी बहन को रक्षा बंधन
हैप्पी रक्षा बंधन
रक्षाबंधन पर शायरी (Raksha Bandhan Ki Shayari)
(5) बचपन का ये प्यार आज भी है कायम
रेशम की डोरी ना हो कभी कमजोर सदा बढ़ा रहे हमारा प्यार
हैप्पी रक्षा बंधन
रक्षाबंधन पर शायरी (Raksha Bandhan Ki Shayari)
(6) खुशियों से भरी रहे तेरी जिंदगी
दुख रहे तेरे से दूर
हर पल तेरे चेहरे पर सदा रहे खुशी
हैप्पी रक्षा बंधन