भारत रत्न नाना देशमुख का जीवन परिचय (Chandikadas Amritrao Deshmukh or Nanaji Deshmukh Biography In Hindi)

नाना देशमुख की जीवनी (Chandikadas Amritrao Deshmukh or Nanaji Deshmukh Biography In Hindi)

नाना देशमुख जी को इस साल भारत सरकार द्वारा हमारे देश का सबसे बड़ा अवार्ड भारत रत्न (Bharat Ratna) दिया गया है. नाना देशमुखकी एक राजनेता थे और इनका नाता भारतीय जनसंघ पार्टी से था.

नाना देशमुख का परिचय (Nanaji Deshmukh)

पूरा नाम (Full Name)   चंडिकादास अमृतराव देशमुख
जन्म तिथि (Birth Date) 11 अक्टूबर 1916
जन्म स्थान (Birth Place) कदोली, जिला – हिंगोली, महाराष्ट्र
मृत्यु तारीख 27 फरवरी 2010
मृत्यु के समय आयु (Age) 93 वर्ष
पेशा (Professions) पूर्व संसद सदस्य
राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
धर्म (Religion) हिंदू
पिता का नाम (Father’s Name) नाम ज्ञात नहीं
माता का नाम (Mother’s Name) नाम ज्ञात नहीं
किसी पार्टी से जुड़े थे भारतीय जनसंघ
स्कूल (School) ज्ञात नहीं
कॉलेज / यूनिवर्सिटी (College / university) बिड़ला कॉलेज Now BITS Pilani
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification) ज्ञात नहीं
अवार्ड भारत रत्न (2019), पद्म विभूषण

 

नाना देशमुख का व्यक्तिगत जीवन (Personal life) –

नाना देशमुख का जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली में हुआ था और इनका जन्म सन् 1916 में हुआ था. नाना देशमुख बेहद ही गरीब परिवार से आते थे और इनके परिवार के पास इन्हें पढ़ाने के लिए पैसे तक भी नहीं हुआ करते थे. मगर नाना देशमुख के इरादे काफी पक्के थे और इन्होंने पैसे को कमी होने के बाद भी अपनी पढ़ाई को जारी रखा.

नाना देशमुख का राजनीति करियर

नाना देशमुख जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़कर राजनीति में प्रवेश किया था और इन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कार्य करना शुरू किया था. साल 1940 के आसपास इनकी मुलाकात दीन दयाल उपाध्याय जी से भी हुई थी.

नाना देशमुख जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रचार दिन रात एक करके किया था और इनकी वजह से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ कई सारे लोग उस वक्त जुड़ पाए थे.

नाना देशमुख जी के सामने ही बीजेपी पार्टी की स्थापना हुई थी और इन्होंने इस पार्टी को ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य किया है. वहीं साल 1999 में इनको इस पार्टी की और से राजसभा के लिए नामित किया गया था.

नाना देशमुख द्वारा किए गए नेक कार्य़

राजनीति से सन्यास लेने के बाद भी इन्होंने लोगों की सेवा करना नहीं छोड़ा और इन्होंने कृषि,कुटीर उद्योग, ग्रामीण स्वास्थ्य और ग्रामीण शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काफी योगदान दिया है. इनके द्वारा ही दीनदयाल शोध संस्थान (DRI) की स्थापना 1972 में की गई थी.

साल 2019 में मिला भारत रत्न (bharat ratna 2019 winner)

नाना देशमुख को साल 2019 का भारत रत्न अवार्ड दिया गया है और इनको इस अवार्ड से पहले पद्म विभूषण भी दिया गया है.

 

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