स्वामी विवेकानंद की 157 वीं जन्म जयंती, जानिए कौन थे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda Biography In Hindi)

स्वामी विवेकानंद की जीवनी (Swami Vivekananda Biography In Hindi)

स्वामी विवेकानंद जी प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें ना केवल भारत बल्कि दुनिया में भी जाना जाता हैं. स्वामी विवेकानंद जी के विचार लोगों को काफी प्रेरित करते हैं और इन्होंने अपने इन्हीं विचारों के दम पर अपना नाम पूरी दुनिया में कायम किया है. साल 1893 में इनके द्वारा शिकागो में दिए गए भाषण को आज भी याद किया जाता है और अमेरिका देश में आयोजित हुई  विश्व धर्म महासभा में इन्होंने अपने भाषण से सबको प्रभावित करते हुए सबका दिल जीत लिया था. इनके द्वारा ही रामकृष्ण परमहंस मिशन (Ramakrishna Paramhansa Mission) को शुरू किया गया था जो कि काफी प्रसिद्ध और कामयाब मिशन था. 12 जनवरी को इनकी जन्म जयंती होती है और हर साल इनकी जन्म जयंती के अवसर पर स्कूल और कॉलेजों में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. ताकि आज के बच्चे इन्हें याद रखें और इनके विचारों की मदद से अपना भविष्य बना सकें और कामयाबी हासिल कर सकें.

स्वामी विवेकानंद का परिचय (Introduction)

पूरा नाम (Full Name)   स्वामी विवेकानंद
जन्म तिथि (Birth Date) 12 जनवरी 1863
जन्म स्थान (Birth Place) कलकता,बंगाल
मृत्यु तारीख 4 जुलाई 1902 (आयु 39 वर्ष)
असल नाम (Real Name) नरेन्द्र नाथ दत्त
अन्य नाम (Nick Name)
पेशा (Professions) रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ के संस्थापक
राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
धर्म (Religion) हिंदू
पिता का नाम (Father’s Name) विश्वनाथ दत्त
माता का नाम (Mother’s Name) भुवनेश्वरी देवी
पत्नी का नाम
स्कूल (School)
कॉलेज / यूनिवर्सिटी (College / university) प्रेसीडेंसी कॉलेज से
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification) बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री
गुरू का नाम राम कृष्ण परमहंस
क्यों प्रसिद्ध हैं वेदांत और योग को दुनिया में प्रसिद्ध किया

 

स्वामी विवेकानंद का व्यक्तिगत जीवन (Personal life) –

भारत के इस प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु का जन्म सन् 1863 के प्रथम महीने की 12 तारीख को बंगाल में हुआ था और इनके पिता कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक अभिवक्ता थे जिनका नाम विश्वनाथ दत्त था. वहीं इनके दादा दुर्गाचरण दत्ता को संस्कृत और फारसी का काफी ज्ञान था.

स्वामी विवेकानंद का करियर

इन्हें कई विषयों के बारे में ज्ञान था और इन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रखी थी और इनके पास बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री थी, जो इन्होंने 1884 में हासिल की थी. वहीं इनको संस्कृत शास्त्र और बंगाली साहित्य में भी काफी रूचि थी. साथ में ही इन्होंने डेविड ह्यूम, इमैनुएल कांट, जोहान गोटलिब फिच्ते, बरूच स्पिनोज़ा, और चार्ल्स डार्विन की रचनाओं का अध्ययन भी किया था.

स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस (Swami Vivekanand And Ramkrishna Paramhans)-

  • स्वामी जी को बचपन से ही आध्यात्मिक हुआ करते थे और साल 1881 में इनकी मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई थी. जो कि आगे चलकर इनके गुरू बने थे और इन्होंने इन्ही से और आध्यात्मिक ज्ञान हासिल किया था.
  • सन् 1886 में इनके गुरू का निधन हो गया था और इनके गुरू ने अपने सारे शिष्यों की जिम्मेदारी इनको सौंप दी थी.

स्वामीजी का शिकागो भाषण (Swami Vivekananda Speech)

स्वामी जी द्वारा शिकागो में जो भाषाण कई वर्ष पहले दिया गया था वो आज भी इनकी पहचान है और आज भी लोगों को इनका ये भाषण प्रभावित करता है. इस धार्मिक सभा में दुनिया भर से लोग आए थे और सब लोगों द्वारा भाषण दिया गया था. वहीं कहा जाता है कि जैसे ही स्वामी जी के भाषण देने की बारी आई थी वो घबरा गए थे. हालांकि घबराने के बावजूद भी इन्होंने काफी अच्छा भाषण दिया था.

इन्होंने अपने भाषण की शुरूआत सरस्वती जी को प्रणाम करते हुए की थी और जैसे ही इन्होंने अपने भाषण की शुरूआत में “अमेरिका के बहनों और भाइयों!” कहा तो सब शांत हो गए और इन्हें इनके इन शब्दों के लिए दो मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन दिया. वहीं अपने इस भाषण में इन्होंने वेदों और उपनिषदों का व्याखायान कर दुनिया को इनके बारे भी जानकारी दी. आपको बता दें कि इस भाषण के जरिए इन्होंने वेदों और उपनिषदों को दुनिया से रू-ब-रू करवाया और इनके द्वारा ही 1894 में इस देश में वेदान्त सोसायटी की नींव भी रखी गई थी.

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स्वामी विवेकानंद जी की 157 वीं जयंती (157th Birth Anniversary 0f Swami Vivekananda)

साल 2019 के पहले महीने की 12 तारीख को हमारे देश में इनकी 157 वीं जयंती मनाई जाएगी. भारत में इनकी जन्म जयंती को नेशनल यूथ डे (National Youth Day) के रूप में मनाया जाता है. ताकि हमारे देश के यूथ  इनसे प्रेरणा ले सकें और इनकी तरह भारत का नाम रोशन करें.

स्वामी विवेकानंद जी के विचार (Swami Vivekananda Quotes)

  • स्वामी जी का कहना था कि आप जिस कार्य को जिस समय करने का फैसला लेते हैं आप उसे उसी समय पर करें, नहीं तो लोगों को आप पर विश्नास नहीं रहेगा.
  • अगर आप खुद पर विश्वास नहीं कर सकते हो, तो आप प्रभु पर विश्वास नहीं कर सकते.
  • प्रथम बार हर सही बात का मजाक बनता है, फिर विरोध किया जाता है और बाद में उसको अपना लिया जाता है
  • हम वो ही होते हैं , जो हमें हमारे विचार बनाते  है, इसलिए आप क्या सोचते हैं इस बात का धयान रखें, क्योंकि जैसे आपके विचार होंगे आप वैसे बन जाते हैं.

स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु (Vivekananda Death)

इन्होंने साल 1902 में अंतिम सांस ली थी और जब इनकी मृत्यु हुई थी तब ये बेलूर मठ में थे. कहा जाता है कि 4 जुलाई के दिन इन्होंने अपने मठ में तीन घंटे तक ध्यान किया और अपने विद्यार्थियों को योग और वेदों का ज्ञान दिया था. वहीं  शाम को ये अपने कमरे में चले गए और वहां जाकर इन्होंने ध्यान करना शुरू कर दिया और रात के समय यानी 9:20 बजे इनका निधन हो गया था.

स्वामी विवेकानंद जी की द्वारा लिखी गई रचनाएं –

स्वामी जी ने कई सारी रचनाएं लिखी हुई हैं और इनकी सबसे प्रसिद्ध रचना, राज योग और कर्म योग है जो कि इन्होंने साल 1896 में लिखी थी. इनकी किताब राज योग में इनके द्वारा जो बात न्यूयॉर्क में बातचीत के दौरान बोली गई थी वो सब शामिल हैं. रचनाएं के अलावा इन्होंने कई सार आर्टिकल भी लिखे हुए हैं जो कि कई प्रसिद्ध अखबारों में छपे थे. स्वामी जी की रचनाओं विदेशों में भी पढ़ी जाती थी.

स्वामी जी की बातों और ज्ञान को आज भी याद किया जाता है और इनकी याद में ही हमारे देश में कई बार विवेकानंद को टिकटों पर चित्रित (stamps of India) किया गया. भारत के अलावा श्रीलंका में सन् 1997 और 2013 और सर्बिया में  सन् 2018 में इनको टिकटों पर चित्रित किया गया था.

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