धनतेरस 2019: शुभ मुहूर्त में करें पूजन, खरीदें ये सामान, होगा लाभ (Dhanteras 2019 Shubh muhurat)

साल 2019 धनतेरस का त्योहार (Dhanteras 2019: Significance, Worship Method And Timings) –

धनतेरस 2019 का शुभ मुहूर्त- साल 2019 में धनतेरस का त्योहार पांच नवंबर को आ रहा है और इस त्योहार के दिन केवल सही समय यानी शुभ मुहूर्त पर ही पूजा की जाती है. वहीं काफी कम लोगों को पता होता है कि आखिर धनतेरस होता क्या है और क्यों इस दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदे जाते हैं. दरअसल धनतेरस शब्द धन और तेरा शब्द को जोड़कर बनाया गया है, जिसमें धन का तात्पर्य पैसों से है. ये त्योहार कार्तिक महीने के 13 वें दिन आता है,  इसलिए इस शब्द में तेरा जोड़ गया है.

साल 2019 के धनतेरस से जुड़ी जानकारी-

इस साल कब है धनतेरस 25 अक्टूबर, 2019, मंगलवार
इस दिन क्या खरीदा जाता है सोना, चांदी या बर्तन खरीदे जाते हैं और पूजा की जाती है
धनतेरस की पूजा के मुहूर्त का समय 18:28 से 20:04 तक
अवधि 1 घंटा 36 मिनट तक
प्रसाद काल 17:43 से 20:04 तक
वृषभ काल 18:28 से 20:37 तक

 

साल 2019 के धनतेरस का मुहूर्त (Dhanteras 2019 Worship Timing)

इस शुभ दिन माता लक्ष्मी की पूजन करने की परम्परा है और मां की पूजा करना का सबसे सही टाइम प्रसाद काल का होता है. साल 2019 में 25 अक्टूबर को पूजा करने का मुहूर्त 18:28 (6.28) पर शुरू होगा और 20:04 (8.04) तक चलेगा. यानी इस दिन सही समय में पूजा करने की अविध 1 घंटा 36 मिनट तक की होगी.

धनतेरस का महत्व (Importance And Significance Of Dhanteras)

कहा जाता है कि धनतेरस के दिन मां की अगर अच्छे से आराधना की जाए तो मां कभी भी धन की कमी नहीं होने देती है. साथ में ही परिवार में सुख भी बना रहता है. इतना ही नहीं इस दिन चांदी या फिर सोना भी खरीदना अच्छा होता है.

dhanteras
dhanteras 2018

धनतेरस के दिन क्यों खरीदते हैं, बर्तन, सोना और चांदी (Significance Of Purchasing Utensils And Gold)

ऐसा माना जाता है इस दिन धातु खरीदने का मतलब होता है कि आप धन की देवी यानी लक्ष्मी मां को अपने घर पर ले आते हैं और मां को घर में लाने से घर में शांति बनी रहती है और घर में किसी तरह की कमी भी नहीं होती है. और ये भी कहा जाता है कि चांदी और सोने जैसी चीजों को लाने से घर से बुरी चीजे दूर रहती हैं.

इन्हें भी पढ़ें – दीपावली 2019 का शुभ मुहूर्त 

धनतेरं से जुड़ी कहानी और क्यों मनाया जाता है धनतेरस (Why We Celebrate And Reason)

राजा हिमा के पुत्र की कहानी (King Heema’s young son Story)

धनतेरस से जुड़ी कथा के मुताबिक एक हिमा नामक राजा हुआ करता था और एक दिन उस राजा के पुत्र की मृत्यु से जुड़ी एक भविष्यवाणी होती है .और भविष्यवाणी में कहा गया था है कि राजा के बेटे की मौत उसकी शादी होने के दो हफ्ते बाद ही हो जाएगी. वहीं जब बेटे की शादी हो जाती है और उसकी पत्नी को भविष्यवाणी के बारे में पता चलता है, तो राजा के बेटे की पत्नी अपने कक्ष के दरवाजे के बाहर अपने सभी चमकीले आभूषण रख देती है और साथ में ही कमरे के दीयों की रोशनी जगमगा देती है. ताकि अगर यमराज उनके पति को लेने आए तो वो आभूषण के ढेर को पार ना कर सके और यमराज को जगमगाती रोशनी में कुछ दिख भी ना सके.

वहीं जब यमराज उसके पति को लेने आता है तो यमराज को रोशनी के आगे कुछ नजर नहीं आता है और वो वापस लौट जाता है.  इस तरह से राजा की बहू अपने पति की रक्षा यमराज से कर लेती है और इस घटना के बाद से इस दिन को धनतेरस के तौर पर मनाया जाने लगा.और लोग इस दिन इसलिए चमक वाली चीजे खरीदते हैं ताकि उन चीजों को घर में लाने से बुरी चीजे घर में प्रवेश ना कर सके.

इस दिन निकला था अमृत (Amrit Manthan)

एक कथा के अनुसार धनतेरस ही वो दिन था जिस दिन क्षीर सागर से अमृत निकला गया था. इसलिए ये दिन सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है और लोगों इस दिन पूजा करके भगवान से सेहतमंद जीवन की कामना करते हैं.

इस दिन किन भगवानों की जाती है पूजा

धनतेरस के दिन लोग अपने घरों की अच्छे से सफाई करते हैं और फिर घर को सजाते हैं. घर को सजाने के बाद रात्रि के समय इस दिन गणेश भगवान, मां लक्ष्मी, धन्वंतरि और कुबेर जी की पूजा की जाती है. इसके अलावा कई जगहों पर लोगों द्वारा यमराज जी की भी पूजा की जाती है.

पूजा के समय बोले जाने वाला मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा……

हरियाली तीज पर लगाएं ये ट्रेंडिग मेहंदी के डिजाइन प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये काम झारखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं का रिजल्ट ऐसे करें चेक
हरियाली तीज पर लगाएं ये ट्रेंडिग मेहंदी के डिजाइन प्रदोष व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये काम झारखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं का रिजल्ट ऐसे करें चेक